Sooraj ko jal kyon arpan karate hain—सूरज को पानी क्यों अर्पण करते हैं

क्या तो आप खुद सूरज को जल अर्पण करते होंगे या फिर आपने आपके किसी को सूरज देवता को जल अर्पण करते हुए देखा होगा|

तब आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि हम सूरज दादा को जल अर्पण क्यों करते हैं| 

और आपने इसके फायदों के बारे में भी जानने की कोशिश की होगी|




तो आज हम इस Article बात करने वाले कि, हम सूरज में जल अर्पण क्यों करते हैं और जल अर्पण करने के क्या-क्या फायदे होते हैं|

इसके कारण जानने से पहले हम सूरज के बारे में थोड़ा सा जान लेते हैं|

सूरज????


सूरज को इंग्लिश मैं Sun कहते हैं, और इससे अलग अलग भाषाओं में अलग अलग नाम है|

इसमें से भारत साहित्य के नाम कुछ इस प्रकार हैं:

आदित्य, अर्का, भानु, सावित्री, पूषन, रवि, मार्तण्ड, मित्र, भास्कर और विवस्वान।

सिर्फ भारतीय संस्कृति में ही नहीं  विश्व की विभिन्न संस्कृतियों में सूरज को ऊर्जा( Energy) का देवता माना गया है|

सूरज की वजह से हुई हम सभी को ऊर्जा प्राप्त होती है यदि सूरज ना होगा तो पृथ्वी पर जीवन भी संभव नहीं होगा|

सूरज को जल अर्पण क्यों किया जाता हैं?


मैं इतनी अधिक ज्योतिषी(Astrology) तो नहीं जानता, लेकिन विज्ञान(Science) जरूर जानता है| 

और विज्ञान के आधार पर ही मैं आपको सूरज को जल अर्पण क्यों करते हैं, उसके कारण बताऊंगा|

  • ऐसा माना जाता है कि सूरज को जल अर्पण करने से हमारा तन (Body), मन (Mind) और और हमारा आत्मा संतुलन (Soul Balance) अनुशासित और व्यवस्थित हो जाता है|
  • जब हम सूरज को अर्घ देते हैं, उस समय हमारा शरीर सूरज के प्रकार मे expose होता है और इस exposure से हमारे शरीर को Vitamin D मिलता है|
  • सूरज को अर्घ्य सुबह-सुबह दी जाती है, जो हमें सुबह जल्दी उठने की आदत बन जाती है|
  • जब प्रकाश की किरण पानी की धारा से होकर गुजरती हुई  हमारी आंखों तक पहुंचती है | और यह हमारी आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करती है।
  • Stanting Posture, जिसमें पानी डालते समय खड़े होते हैं, वह एक योगिक आसन (Yogic Posture) है|
  • आप यह जब तुलसी के सामने खड़े होकर करते हैं तो उससे आपको तुलसी से Fresh oxygen मिलती है| जो कि के फेफड़ों (Lungs) के लिए अच्छी है|

जहां तक मैं सोचता हूं, यह सभी फायदे जाने के बाद आप रोज सुबह जल्दी उठकर सूरज को जल अर्पण जरूर करेंगे|

मंत्र??

जब आप सूरज को जल अर्पण करेंगे| तब आपको सूरज में जल अर्पण करते हुए एक मंत्र भी बोलना है जो की है: 

ॐ सूर्याय नमः| या ॐ घृणि सूर्य आदित्य ॐ| या ॐ घृणि सूर्याय नमः|



तो आप यह जरूर Try करना आपको जरूर फायदे होंगे|

आशा है आपको यह कारण अच्छे लगे होंगे|

धन्यवाद|




Post a Comment

0 Comments